ELI Scheme 2025: कर्मचारियों और नियोक्ताओं को मिलेगा नकद प्रोत्साहन और सब्सिडी

ELI Scheme 2025 Cash Incentive Subsidy :- भारत सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने देश में रोजगार को प्रोत्साहन देने और कार्यरत कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक नई और महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करने का ऐलान किया है, जिसका नाम है ELI Scheme (Employment Linked Incentive Scheme)। यह योजना विशेष रूप से उन कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए बनाई गई है जो संगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं और भविष्य निधि (EPF) के दायरे में आते हैं।

ELI स्कीम का मुख्य लक्ष्य है — ऐसे लोगों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता प्रदान करना जो कम आय वर्ग में आते हैं, साथ ही कंपनियों और उद्योगों को इस बात के लिए प्रेरित करना कि वे ज्यादा से ज्यादा नए रोजगार उत्पन्न करें और युवाओं को अवसर प्रदान करें। यह योजना 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर 31 जुलाई 2027 तक प्रभावी रहेगी, यानी कुल दो वर्षों तक देशभर के लाखों कर्मचारियों और हजारों नियोक्ताओं को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

सरकार का मानना है कि इस योजना के जरिए जहां एक ओर कर्मचारियों को उनकी निष्ठा और निरंतरता का आर्थिक इनाम मिलेगा, वहीं दूसरी ओर कंपनियों को नई भर्तियों के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे देश में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक और बड़ा कदम आगे बढ़ाया जा सकेगा।

क्या है ELI Scheme?

ELI Scheme 2025 Cash Incentive Subsidy :- ELI जिसका पूरा नाम है Employment Linked Incentive Scheme, भारत सरकार और EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा शुरू की गई एक विशेष योजना है, जिसका उद्देश्य है — रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और कार्यरत कर्मचारियों को वित्तीय प्रोत्साहन देना।

यह योजना उन कंपनियों और उद्योगों के लिए फायदेमंद है जो नए कर्मचारियों की भर्ती करते हैं, साथ ही उन कर्मचारियों के लिए भी जो लगातार काम पर टिके रहते हैं और EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) के अंतर्गत आते हैं।

इस योजना के तहत:

  • कर्मचारियों को — यदि वे नियमित रूप से 6 और 12 महीने तक काम पर बने रहते हैं, और उनका मासिक वेतन ₹1 लाख से कम है, तो उन्हें EPF वेतन के बराबर नकद प्रोत्साहन (Incentive) दो किस्तों में दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) की ट्रेनिंग भी मिलेगी, जिससे वे अपने पैसे का बेहतर प्रबंधन सीख सकें।
  • नियोक्ताओं को — यदि वे नए कर्मचारियों की नियुक्ति करते हैं, तो उन्हें प्रति कर्मचारी ₹1,000 से ₹3,000 प्रति माह तक की सब्सिडी मिलेगी। यह सब्सिडी सामान्य क्षेत्रों में 2 वर्षों तक और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 4 वर्षों तक दी जाएगी।

इस प्रकार, ELI योजना एक ऐसा दोहरी लाभ देने वाला कार्यक्रम है जो नौकरीपेशा लोगों को आर्थिक सुरक्षा और कंपनियों को रोजगार विस्तार के लिए प्रोत्साहन देता है। यह योजना सरकार की रोजगार केंद्रित रणनीति और आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक अहम हिस्सा है।

योजना की अवधि

  • शुरुआत: 1 अगस्त 2025
  • समाप्ति: 31 जुलाई 2027
  • यानी, यह योजना 2 वर्षों के लिए लागू की गई है।

किसे मिलेगा लाभ?

  • कर्मचारियों को:

अगर कोई कर्मचारी:

  • हर महीने ₹1 लाख से कम वेतन कमाता है।
  • और लगातार 6 महीने और 12 महीने तक नौकरी पर बना रहता है।

तो उसे मिलेगा:
👉 दो किस्तों में EPF वेतन के बराबर नकद प्रोत्साहन (Incentive)
👉 वित्तीय साक्षरता की ट्रेनिंग (Financial Literacy Training)

नियोक्ताओं (Employers) को:

अगर कोई कंपनी:

  • नए कर्मचारी भर्ती करती है।

तो उन्हें मिलेगा:
👉 हर कर्मचारी पर ₹1,000 से ₹3,000 प्रति माह की सब्सिडी
👉 यह सब्सिडी:

  • सामान्य उद्योगों में 2 साल तक
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 4 साल तक

क्यों चर्चा में है?

इस योजना को लेकर EPFO ने एक बड़ा प्रमोशन अभियान शुरू कर दिया है, जो खासतौर पर ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों को ध्यान में रखकर चलाया जा रहा है।

लक्ष्य है – ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजना की जानकारी देना, ताकि वे इसका पूरा लाभ उठा सकें।

अभियान के प्रमुख बिंदु:

  • जन जागरूकता शिविर
  • गांवों में पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से प्रचार
  • लोकल संस्थानों और पंचायतों के सहयोग से जानकारी फैलाना
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए युवा वर्ग तक पहुंच

योजना का उद्देश्य

  1. देश में रोजगार को बढ़ावा देना
  2. कंपनियों को प्रेरित करना कि वे ज्यादा लोगों को रोजगार दें
  3. युवाओं को आर्थिक सुरक्षा और प्रशिक्षण देना
  4. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लंबे समय का समर्थन
  5. ग्रामीण क्षेत्रों में भी औपचारिक रोजगार को बढ़ावा

ELI Scheme क्यों है खास?

लाभार्थी लाभ
कर्मचारी दो किस्तों में एक महीने का EPF वेतन, ट्रेनिंग
नियोक्ता ₹1000–₹3000 तक प्रति कर्मचारी सब्सिडी
ग्रामीण क्षेत्र जागरूकता अभियान, सीधा लाभ
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 4 साल तक का इंसेंटिव

पात्रता और शर्तें

कर्मचारी के लिए:

  • EPF में रजिस्टर्ड होना चाहिए
  • ₹1 लाख/माह से कम सैलरी
  • 6 व 12 महीने लगातार काम करना

नियोक्ता के लिए:

  • EPFO से रजिस्टर्ड कंपनी
  • नए कर्मचारियों को नियुक्त करना
  • ई-फाइलिंग और रिकॉर्ड का रखरखाव

निष्कर्ष

ELI Scheme 2025 सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय रोजगार मिशन है। इससे लाखों युवाओं को न सिर्फ नौकरी मिलेगी, बल्कि उन्हें आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय जानकारी भी मिलेगी। वहीं, कंपनियों को नए लोगों को रखने में आर्थिक सहारा मिलेगा।

EPFO का यह कदम, खासतौर पर ग्रामीण भारत और छोटे उद्योगों को नई ऊर्जा देने वाला है। अगर आप एक कर्मचारी हैं या कोई उद्योग चला रहे हैं, तो ELI योजना में रजिस्ट्रेशन करके जरूर लाभ उठाएं।

ELI Scheme 2025 – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1: ELI Scheme क्या है?
उत्तर: ELI Scheme (Employment Linked Incentive Scheme) भारत सरकार और EPFO द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य नए रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और कम वेतन वाले कर्मचारियों को वित्तीय सहायता देना है।

Q2: यह योजना कब से कब तक लागू रहेगी?
उत्तर: यह योजना 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर 31 जुलाई 2027 तक प्रभावी रहेगी यानी कुल 2 वर्षों तक लागू रहेगी।

Q3: इस योजना का लाभ किन कर्मचारियों को मिलेगा?
उत्तर: वो कर्मचारी जो:

  • EPFO से जुड़े हैं,
  • हर महीने ₹1 लाख से कम वेतन पाते हैं,
  • लगातार 6 और 12 महीने तक काम पर टिके रहते हैं,

उन्हें इस योजना के तहत EPF वेतन के बराबर नकद प्रोत्साहन मिलेगा।

Q4: ELI Scheme के तहत कर्मचारियों को क्या-क्या मिलेगा?
उत्तर: कर्मचारियों को दो मुख्य लाभ मिलेंगे:

  • दो किस्तों में EPF वेतन के बराबर नकद प्रोत्साहन (Incentive)
  • वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) की ट्रेनिंग

Q5:  इस योजना का लाभ नियोक्ताओं (Employers) को कैसे मिलेगा?

उत्तर: जो कंपनियां नए कर्मचारियों की भर्ती करेंगी, उन्हें प्रत्येक कर्मचारी पर ₹1,000 से ₹3,000 तक की मासिक सब्सिडी मिलेगी:

  • सामान्य क्षेत्रों में: 2 वर्षों तक
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में: 4 वर्षों तक

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